राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कंझावला मामले के बाद, दिल्ली पुलिस के पुलिस आयुक्त द्वारा एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें सभी स्टेशन हाउस अधिकारियों को हर रात अपनी लाइव लाइव लोकेशन साझा करने के लिए कहा गया था, लेकिन यह भी विफल रहा यानी की इसका भी तोड़ निकल लिया गया हैं। कोटला मुबारकपुर के थाना प्रभारी एक उपनिरीक्षक के पास सरकारी मोबाइल और वायरलेस सेट छोड़कर थाने से गायब थे, लेकिन डीपीसी चंदन चौधरी रात्रि गश्त पर निकले थे। जब उन्होंने एसएचओ (SHO) को गायब देखा तो वह आग बबूला हो गए। चूंकि उस दिन एसएचओ पेश नहीं हुए, इसलिए डीसीपी ने तुरंत एसएचओ और एसआई के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए।
एसआई और थाना प्रभारी के खिलाफ जांच के आदेश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना सात जनवरी की बताई जा रही है। उस दिन कोटला मुबारकपुर थाना प्रभारी को डिफेंस कॉलोनी अनुमंडल की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। पुलिस उपायुक्त देर रात गश्त पर निकले थे, उन्होंने वायरलेस सेट पर मैसेज किया तो एसआई (SI) ने जवाब दिया। उपायुक्त ने एसएचओ को साउथ ईस्ट पहुंचने को कहा। उप निरीक्षक वहां उपस्थित हुए। पूछताछ में उसने बताया कि एसएचओ ने उसे एक मोबाइल और वायरलेस सेट दिया था और थाने गया था। इस बात पर उपायुक्त भड़क गए और एसआई व थानेदार को अनुपस्थित कर दोनों के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए। साथ ही बाकी थाना प्रभारियों को भी अपनी ड्यूटी सही तरीके से करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस वालों को अकेले घटनास्थल ना जाने की हिदायत
गौरतलब है कि एएसआई (ASI) शंभु दयाल मीणा के साथ हुई घटना के बाद यह कवायत शुरू हुई हैं। स्वर्गीय शंभु दयाल ने जिस तरह से अकेले आरोपी अनीश का सामना किया, उस पर पूरे देश को गर्व है। इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने पुलिसकर्मियों को हिदायत दी है कि किसी भी परिस्थिति में अकेले न जाएं जहां उनकी जान को खतरा हो। सूत्रों के हवाले से पता चला कि पुलिस आयुक्त ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में कम से कम दो जवान होने चाहिए, उन्होंने पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए सभी आरोपियों के हथियारों की तलाशी लेने का भी आदेश दिया है।