Delhi Yamuna Pollution: केजरीवाल सरकार के राज में पिछले 8 साल में यमुना 8 गुना हुई प्रदूषित, एलजी ने बुलाई बैठक

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सरकार यानी की आम आदमी पार्टी सरकार चुनाव इस मुद्दे पर जीती थी कि वह यमुना को साफ कर देंगे, उसमें डुबकी लगवाएंगे। यमुना नदी (Yamuna River) की सफ़ाई को लेकर तमाम दावें और वादें किए जाते रहे हैं, परंतु सच्चाई बिल्कुल इसके विपरीत है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 8 सालों में यमुना और ज्यादा प्रदूषित हो गई हैं। उपराज्यपाल ऑफिस के सूत्रों ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के आंकड़ों का हवाला देते हुए यह बात सामने लाई हैं।

 

पिछले 8 सालों में यमुना का प्रदूषण दोगुना बढ़ा

बता दे, कि सोमवार को उपराज्यपाल ऑफिस (LG Office) के सूत्रों ने DPCC के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि अरविंद केजरीवाल सरकार के राज में पिछले 8 सालों में यमुना के प्रदूषण में दोगुना वृद्धि हुई है। दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने उपराज्यपाल को यह रिपोर्ट सौंपी हैं। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और DJB ने शनिवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को यमुना नदी में प्रदूषण पर एक प्रेजेंटेशन भी दी हैं। डीजेबी (DJB) ने कहा कि वह पुरानी समस्याओं को सुलझाने के लिए कार्य कर रहा है और लगभग सभी प्रमुख सीवेज उपचार संयंत्रों (STP) को विकसित करने का कार्य दिसंबर महीने के अंत तक पूरा होने की आशंका है।

 

एलजी ने जानी जमीनी हकीकत 

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 9 जनवरी को यमुना की सफाई के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक से पहले उपराज्यपाल ने जमीनी हकीकत को जानने के लिए बैठक बुलाई। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली के एलजी से समिति का नेतृत्व करने का अनुरोध किया गया था। अनधिकृत कॉलोनियों और मलिन बस्तियों से अपशिष्ट जल, एसटीपी से उपचारित अपशिष्ट जल की खराब गुणवत्ता और सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र नदी में प्रदूषण के उच्च स्तर के मुख्य कारण हैं।