राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारों को लेकर एलजी और सीएम के बीच तीखी बहस चल रही है। बढ़ती कड़वाहट अब पत्राचार की भाषा में भी साफ नजर आने लगी है। दोनों एक दूसरे पर हमला बोलने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहे हैं। सोमवार को जब उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा तो उन्होंने इसकी शुरुआत तंज कसते हुए की। एलजी को लिखे जवाबी पत्र में केजरीवाल ने लिखा, ‘आपने पत्र की शुरुआत व्यंग्यात्मक तरीके से करते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के बाद मैंने नगर प्रशासन को ‘गंभीरता’ से लेना शुरू कर दिया है। आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी और इस पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते महोदय, मुझे प्रचार के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में जाना पड़ता है। प्रधानमंत्री की तरह गृह मंत्री और योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, पुष्कर सिंह धामी जैसे मुख्यमंत्री गुजरात और दिल्ली में चुनाव के समय अपनी पार्टी के लिए प्रचार कर रहे थे।
खुशी है कि आपने प्रशासन को गंभीरता से लेना शुरू किया: एलजी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एलजी विनय कुमार सक्सेना ने लिखा,
“पिछले कुछ दिनों में मुझे आपके कई पत्र मिले हैं। सबसे पहले मैं आपकी सराहना करना चाहूंगा कि आपने नगर प्रशासन को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। एलजी ने दिल्ली की बहुस्तरीय प्रशासनिक व्यवस्था और उसके लिए बनाए गए संवैधानिक प्रावधानों और कानूनों की पेचीदगियों का हवाला देते हुए यह बात कही, लेकिन खुशी भी जताई कि मुख्यमंत्री अब इस बारे में बात करने लगे हैं। दिल्ली में प्रशासन को नियंत्रित करने वाले प्रावधानों की सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार व्याख्या की है। इसके अलावा संविधान सभा, राज्य पुनर्गठन आयोग और संसद में भी गंभीर चर्चा हुई है, उसके बाद ही ये प्रावधान किए गए हैं, जो अपने आप में बहुत स्पष्ट हैं।”
एलजी चलाएंगे विभाग तो दिल्ली सरकार क्या करेगी?: सीएम
आगे जब दिल्ली के एलजी ने सीएम पर तंज कसते हुए पत्र लिखा तो सीएम ने भी तानों का जवाब देने में देर नहीं लगाई। सीएम ने एलजी को चर्चा के लिए आमंत्रित करने पर उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं आपसे मिलने जरूर आऊंगा, लेकिन पिछले कुछ दिनों से एक महत्वपूर्ण चर्चा शुरू हो गई है। भारतीय लोकतंत्र पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए मेरा आपसे आग्रह है कि पहले उन मुद्दों पर अपना स्टैंड सार्वजनिक करें।