Delhi News: 2030 तक दिल्ली-एनसीआर का होगा ये हाल संयुक्त राष्ट्र ने लगाया ऐसा अनुमान

दिल्ली एनसीआर भारत में कई स्पेशलिटी के लिए लोकप्रिय है। दिल्ली एनसीआर की आबादी 2022 में 3 करोड़ थी, लेकिन बहुत जल्द दिल्ली एनसीआर पूरी दुनिया का शहरों समूहों के आबादी के आंकड़े में यह दूसरे नंबर से कूदकर 2030 तक पहले नंबर पर आ जाएगा। ऐसा अनुमान संयुक्त राष्ट का है की आने वाले सात साल मे दिल्ली एनसीआर में 90 लाख लोग और बसेंगे और यह जापान की राजधानी से आगे निकल जाएगा।

 

 

 

1950 से 2030 तक क्या हुआ बदलाव?

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों में एक नया पैटर्न दिखाई दे रहा है। 1950 के दशक में, दुनिया के अधिकांश शहरी केंद्र पश्चिमी देशों या उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में स्थित थे। अब वे पूर्व की ओर बढ़ रहे हैं। 2030 तक, शहरी समूहों का परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया होगा। तब दुनिया के 10 सबसे अधिक आबादी वाले शहरी समूहों में से 9 विकासशील देशों में होंगे।

 

2030 में होगी दिल्ली में सबसे ज्यादा आबादी

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2030 तक,दिल्ली-एनसीआर, टोक्यो और शंघाई 30 मिलियन से अधिक आबादी वाले एकमात्र शहरी समूह होंगे। इसके बाद ढाका, काहिरा, मुंबई, बीजिंग, मैक्सिको सिटी, साओ पाउलो, किंशासा होंगे। इन शहरों में 2 से 3 करोड़ लोग बस गए होंगे। 1950 के दशक में दुनिया बहुत अलग थी। उस समय सबसे ज्यादा शहरी आबादी न्यूयॉर्क में रहती थी और टोक्यो दूसरे नंबर पर था। लंदन, ओसाका, पेरिस, मॉस्को, शिकागो, ब्यूनस आयर्स, कोलकाता और शंघाई भी शीर्ष 10 में थे। लेकिन विकासशील देशों में जनसंख्या और अर्थव्यवस्था दोनों में तेजी से वृद्धि के कारण लोगों ने नौकरियों के लिए प्रमुख शहरों में पलायन किया। यही वजह है कि दिल्ली-एनसीआर की आबादी बढ़ी है।

 

दिल्ली एनसीआर के नीचे कौन होगा?

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दिल्ली-एनसीआर के बाद सबसे ज्यादा लोग मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में होंगे। चेन्नई पांचवें स्थान पर खिसक जाएगी, जबकि हैदराबाद और अहमदाबाद छठे और सातवें नंबर पर रहेंगे। सूरत, पुणे और कोझीकोड भी भारत के 10 सबसे अधिक आबादी वाले शहरों में शामिल होंगे।