इसी वर्ष अक्टूबर महीने तक दिल्ली पुलिस की हेड कांस्टेबल सीमा मेट्रो यूनिट में हैं। वह कुछ समय पहले किसी भी अन्य पुलिसकर्मी की तरह ही थीं, परंतु बीते 42 दिनों में उन्होंने कुछ ऐसा कार्य किया है,जिस पर हर पुलिसकर्मी को गर्व होगा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पुलिस की मेट्रो यूनिट में तैनात हेड कॉन्स्टेबल सीमा ने बीते 42 दिनों में एक-दो या 5-10 नहीं बल्कि 21 लापता बच्चों को ढूंढ़ निकाला है और उनके मायूस माता-पिता के चेहरे पर मुस्कान ला दी। इनमें से कई बच्चे महीनों से लापता थे और कुछ एक दिन पहले ही लापता हुए थे।
बीते डेढ़ महीने छापेमारी में गुजरे, करी थी काफ़ी प्लानिंग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते डेढ़ महीने में सीमा का ज्यादातर समय यूपी और हरियाणा में छापेमारी में बीता है। इस दौरान वह जिपनेट (ZIPNET) की वेबसाइट पर गुमशुदा बच्चों की तलाश करती रही और हर संभावित जगह पर गुमशुदा बच्चों की तलाश करती रही। दिल्ली के जनकपुरी मेट्रो स्टेशन पर तैनात सीमा ने लापता बच्चों को खोजने के लिए काफी मेहनत की हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार को बताया कि वह बड़े ही मेहनत से योजना बनाती है और फिर जमीन पर उसे क्रियान्वित करती है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“वह बच्चा उठाने वाले गिरोह या ऐसे अपराधियों के तौर-तरीकों के बारे में बहुत कुछ पढ़ती थी। इसका उपयोग यह पहचानने के लिए किया जाता है कि क्या अपराधों के बीच एक पैटर्न है। फिर जानकारी जुटाता था, उनकी हर एक गतिविधि को ट्रैक करती था और सुराग के आधार पर आगे बढ़ती था।”
9 माह बाद डाबरी से बरामद हुई लापता बालिका
गौरतलब है कि इन 21 में से 4 मामले तो ऐसे हैं, जिनका सुराग ढूंढने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। ऐसा ही एक मामला डाबरी से लापता हुई बच्ची का है। वह इस वर्ष मार्च के महीने से लापता थी। वह एक युवक के बहकावे में आ गई थी, उसके बाद 9 महीने तक दोनों का कोई पता नहीं चला। कुछ तकनीकी सुराग मिलने के बाद सीमा ने दर्जनों दुकानदारों से पूछताछ की और अंत में शिव विहार के एक घर से लड़की को बरामद कर लिया।