Delhi News: नए साल पर रोजगार की योजनाओं को मिलेगी तेज़ी, बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार

नए साल में दिल्ली सरकार विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित कर योजनाओं में तेजी लाने में जुटी है। रोजगार बजट की शेष योजनाओं, जो विभिन्न कारणों से अभी तक आगे नहीं बढ़ पायी हैं, में तेजी लाने की तैयारी की जा रही है। दिल्ली सरकार अंतिम चरण में पहुंच चुकी योजनाओं को अमली जामा पहनाने में लगी है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद स्टार्टअप पॉलिसी लागू करने के लिए तैयार है। फूड ट्रक पॉलिसी हो या शॉपिंग फेस्टिवल, इनमें तेजी लाई जाएगी। सरकार ने टेंडर कंसलटेंट की नियुक्ति तक पहुंचने वाली फाइलों के आगे योजनाओं को धरातल पर उतारने के काम में तेजी लाने को कहा है।

 

स्टार्टअप को सुविधाएं मिलेंगी

 

प्राप्त जानकारियों के मुताबिक दिल्ली में रोजगार पैदा करने वाले स्टार्ट-अप को लेकर भी सरकार ने अपनी नीति बनाई है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसमें कुछ बदलाव किए जाने हैं, जिस पर काम चल रहा है। इसे लागू करने के लिए अक्टूबर माह में टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है। कैबिनेट से बदलाव को मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा। इसे आधिकारिक तौर पर 2023 की पहली तिमाही में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है।

 

बाजारों का पुनर्विकास तेजी से होगा

नए साल में बाजारों के पुनर्विकास को गति मिलेगी। सरकार ने गांधी नगर कपड़ा बाजार को गार्मेंट बिजनेस का हब बनाने के लिए पांच बाजारों कमला नगर, कीर्ति नगर, लाजपत नगर, खारी बावली और सरोजिनी नगर को विकसित करने का काम शुरू कर दिया है। इसकी रूपरेखा तैयार करने का जिम्मा नियोजनालय को दिया गया है। इसके लिए कुल 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे अगले पांच वर्षों में 1.5 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

 

इलेक्ट्रॉनिक सिटी प्लान तैयार

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने बापरोला में दिल्ली इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसका उद्देश्य अपने व्यवसाय को ऐसे स्थान पर स्थानांतरित करना है जो दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक सामानों की जरूरतों को पूरा करता हो। यहां नए उत्पादन की व्यवस्था भी की जाएगी। इसकी पूरी पॉलिसी तैयार है। इसे उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। वहां से मंजूरी मिलते ही इसे अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। इसके बनने से दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक सामान की सप्लाई के साथ-साथ इसके रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग का भी रास्ता खुलेगा। साथ ही हजारों लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।