Delhi News: अब रात में भी किया जा सकेगा रात में पोस्टमार्टम, दिल्ली सरकार ने दी मंजूरी

कहा जाता है कि किसी भी शव का रात में पोस्टमार्टम नहीं किया जाता हैं, क्योंकि रात की रोशनी में घावों का रंग बदल जाता है और सही घावों के रंग का पता नहीं लगाया जा पाता हैं, परंतु अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सूर्यास्त होने के बाद शवों का पोस्टमॉर्टम करा जा सकेगा। यह कार्य करने से मृतक के परिवार वालों के लिए चीजें बदल जायेगी। दरअसल, उन्हें शव पाने के लिए बहुत लंबा इंतजार करना पड़ता था। वहीं इसके साथ-साथ अंगदान और प्रतिरोपण (transplantation) को भी बढ़ावा मिलेगा। इसी विषय से संबंधित मंगलवार 27 दिसंबर 2022 को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पर्याप्त सुविधाओं वाले अस्पतालों में रात में भी पोस्टमॉर्टम कराने का निर्देश दिया हैं। अस्पताल प्रभारी को पोस्टमॉर्टम हाउस में सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा गया है।

 

रात में भी हो सकेगा पोस्टमार्टम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा,

“रात में पोस्टमॉर्टम होने से दिल्ली में लोगों को शवों के पोस्टमॉर्टम के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इससे मृतक के परिजनों को काफी राहत मिलेगी। हालांकि, मौत के मामलों में जहां हत्या, आत्महत्या, बलात्कार या बेईमानी का संदेह है, केवल दिन के दौरान शवों की जांच करने का प्रावधान किया गया है। दिल्ली सरकार ने सूर्यास्त के बाद अस्पतालों में पोस्टमॉर्टम कराने की मंजूरी के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा था। ऐसे पोस्टमॉर्टम अस्पतालों में किए जाएंगे, जहां उन्हें नियमित रूप से करने की पर्याप्त सुविधाएं हों। अंगदान से संबंधित मामलों का पोस्टमार्टम प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।”

 

परिवार वालों का दर्द कम होगा

गौरतलब है कि इससे पहले शवों को रात के समय मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया जाता था। पीड़ित परिवार को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए पूरी रात इंतजार करना पड़ा। इससे उनका दर्द और बढ़ जाता था। अब लोगों को इसके लिए रात भर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि किसी भी तरह के संदेह को दूर करने के लिए सभी पोस्टमॉर्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग रात में की जाएगी और कानूनी उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए इसे भविष्य के संदर्भ के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। इस नई प्रक्रिया से अंगदान और प्रत्यारोपण (Transplantation) को भी प्रोत्साहन मिलेगा, क्योंकि प्रक्रिया के बाद निर्धारित समय में अंगों को निकाला जा सकता है।