दिल्ली नगर निगम (MCD) के पास 250 वार्डों के लिए 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक बजट है। इसके बावजूद भी यह अभी भी इंदौर जैसे शहरों से पीछे है, जिनका बजट बहुत कम है परंतु स्वच्छता के मामले में अव्वल हैं। इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के पास 1,500 वाहनों का बेड़ा (Fleet) है और 11,000 सफाई कर्मचारियों कुछ निजी ठेकदारों इंप्लॉय की एक टीम है। इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के 5,000 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट में से लगभग 1,200 करोड़ रुपये स्वच्छता के लिए आवंटित किए गए हैं। इसमें वेतन और अन्य बहुत सारे अलग खर्च शामिल हैं।
इंदौर में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन चार्ज क्या हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंदौर नगर निगम (आईएमसी) घर-घर जाकर कूड़ा उठाने के लिए निवासियों से नाम मात्र का शुल्क लेती है। शुल्क मलिन बस्तियों में प्रति परिवार प्रति माह 60 रुपये, मध्यवर्गीय क्षेत्रों में प्रति परिवार प्रति माह 90 रुपये और पॉश क्षेत्रों में प्रति माह 150 रुपये तक है। इंदौर नगर निगम (आईएमसी) ने पिछले वित्तीय वर्ष में यूजर चार्ज से करीबन 240 करोड़ रुपये की कमाई की थी। इसी के बीच मुंबई नगर निगम (बीएमसी) या मुंबई नागरिक निकाय, राष्ट्र के सबसे अमीर नागरिक निकाय के पास 2022-23 के लिए 45,949.21 करोड़ रुपये का बजट है, जो 2021-22 के बजट से 17 प्रतिशत अधिक है। इसने कचरा और स्वच्छता के मुद्दों से निपटने के लिए नई अलग-अलग तकनीकों का उपयोग किया है।
राजधानी में सफाई की हालत में कोई सुधार नहीं
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हालांकि एमसीडी के तहत सफाई का मुद्दा दिल्ली में निकाय चुनाव से पहले भी नियमित अंतराल पर उठता रहा है, क्योंकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में सेक्टर के लिए बड़ी राशि स्वीकृत होने के बावजूद स्थिति जैसे की तैसे बनी हुई है। स्वच्छता के लिए आवंटन 4,153.28 करोड़ रुपये है, जो कुल बजट का 27.19 प्रतिशत है, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-2023 में शिक्षा के लिए 2,632.78 करोड़ रुपये अप्रूव्ड (approved) किए गए हैं। हालांकि राजधानी में स्वच्छता और प्राथमिक शिक्षा सहित बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करने में नगर निगम विफल रहा है।